रायपुर। छत्तीसगढ़ में अधिकाधिक सीएसआर का निवेश हो जिससे कि स्थायी विकास लक्ष्यों को पूरा किया जा सके इसके लिए छत्तीसगढ़ सीएसआर लीडरशिप सम्मेलन का आयोजन 6 फरवरी को होटल बेबीलान इंटरनेशनल में आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सम्मेलन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है।
दिनभर चलने वाले इस सम्मेलन में नाबार्ड, रिलायंस, जिंदल समूह, वेदान्ता, एसईसीएल, एनएमडीसी, अडानी, बिरला, वंदना ग्रुप, जेके लक्ष्मी सीमेट, अंबुजा सीमेंट, एसीसी सीमेंट, स्टेम लर्निंग, मनोरमा ग्रुप, निको ग्रुप, सिंघानिया ग्रुप सहित अनेक अग्रणी कंपनियों और संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे। कंपनियों और लोगों को अच्छे सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा सीएसआर राशि का निवेश हो और अधिकाधिक कारपोरेट एवं विकास संस्थानों की भागीदागी बढ़े, इस उद्देश्य से सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में राजनीतिक हस्तियां भी हिस्सा लेंगी। सम्मेलन में चिंतन किया जाएगा कि छत्तीसगढ़ राज्य बड़े कारपोरेट के सीएसआर फंड को किस तर आकर्षित कर सकते हैं।
इसके आयोजक छत्तीसगढ़ सीएसआर लीडरशिप सम्मेलन के संस्थापक रूसेन कुमार ने बताया कि यह आयोजन का दूसरा वर्ष है। सम्मेलन का उद्देश्य प्रभावी राज्य स्तरीय मंच तैयार करना है जहां पर सीएसआर और एनजीओ साथ-साथ हाथ मिलाकर सामाजिक-आर्थिक विकास की गतिविधियों में तेजी लाकर उसे प्रभावी बना सकें। रूसेन कुमार ने कहा कि समावेशी विकास के लिए सिविल सोसाइटी, एनजीओ, सरकारी सिस्टम, नेतृतत्वकर्ताओं, राजनेताओं, नीति-निर्धारकों और कारपोरेट के मध्यम परस्पर साझेदारी सुनिश्चित करने होंगे। इस सभा में छत्तीसगढ़ राज्य सहित दिल्ली एवं मुंबई स्थित संस्थाओं के 100 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
क्या है सीएसआर कानून
सीएसआर कानून के अनुसार, प्रत्येक कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड या पब्लिक लिमिटेड, जिन्होंने 500 करोड़ रुपये का शुद्ध मूल्य या 1,000 करोड़ रुपये या 5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ का कारोबार किया है, उन्हें तीन वित्तीय वर्षों के लिए, तुरंत अपने औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2 प्रतिशत, नीति बनाकर कॉर्पोरेट सामाजिक गतिविधियों पर खर्च करना है। सीएसआर की राशि से पिछड़े इलाकों के विकास और कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए योजना बनाकर कार्य करना होता है।
ये हैं सम्मेलन के अतिथि एवं विद्वान वक्तागण
छत्तीसगढ़ सीएसआर लीडरशिप शिखर सम्मेलन में नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक (छत्तीसगढ़) एम सोरेन, वॉकहार्ट फाउंडेशन मुंबई के सीईओ सर डॉ. हुजैफा खोराकीवाला, सोशल ऑडिट यूनिट छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के निदेशक मेहर गाडेकर, छत्तीसगढ़ की पहली कन्या पर्वतारोही याशी जैन, हेल्पएज इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोहित प्रसाद, नाबार्ड के आर्थिक अनुसंधान और विश्लेषण विभाग मुख्य महाप्रबंधक एन. पी. महापात्रा, स्टेम लर्निंग के सीईओ आशुतोष पंडित, इंडिया सीएसआर के चेयरमैन रूसेन कुमार, रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के चेयरमैन सुनील रामदास, मनोरमा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आशीष शर्राफ, सिंघानिया बिल्डकॉन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुबोध सिंघानिया, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड समूह के सीएसआर प्रमुख प्रशांत होता, ह्यूमन पिपल टू पीपल इंडिया के राष्ट्रीय पार्टनर्शिप अधिकारी सरकार और सीएसआर पार्टनर्शिप चंदन वर्मा, जेके लक्ष्मी सीमेंट लिमिटेड दुर्ग के डीजीएम (पर्यावरण, सुरक्षा और सीएसआर) डा. सतीश मिश्रा, वीजन स्प्रींग के निदेशक (भारत) अंशु तनेजा, रायपुर बिजनेस स्कूल के प्रिंसिपल एवं आरआईटीईई के रिसर्च डायरेक्टर डॉ. जे.एच. व्यास, जन मित्रम कल्याण समिति रायगढ़ के अध्यक्ष मनीष सिंह, ओपी जिंदल युनिवर्सिटी के शिक्षाविद प्रोफेसर संजय सिंह, अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक रोचक भारद्वाज, जयसवाल नेको इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मानव संसाधन विभाग प्रमुख दिलीप कुमार मोहांति अतिथि वक्ता होंगे।
ये हैं छत्तीसगढ़ के समक्ष चुनौतियां
छत्तीसगढ़ में अत्यधिक गरीबी और असमानता की वजह से 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं और 41 प्रतिशत लड़कियों और महिलाओं में रक्त की कमी है। छत्तीसगढ़ राज्य की अधिकांश आबादी का जीवन कृषि पर निर्भर है और यहां सतत रोजगार के अवसरों की भारी कमी है। रोजगार के अवसरों का सृजन, दूरस्थ्य अंचलों में शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था करना प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं।
ये स्थायी विकास के लक्ष्य
रूसेन कुमार ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अगले 15 वर्षों के लिए 17 वैश्विक सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिनको 2016 से 2030 की अवधि में हासिल करना है। इन लक्ष्यों मे गरीबी की पूर्णतः समाप्ति, भुखमरी की समाप्ति, अच्छा स्वास्थ्य और जीवनस्तर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, साफ पानी और स्वच्छता, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा काम और आर्थिक विकास, उद्योग नवाचार और बुनियादी ढांचा का विकास, मजबूत बुनियादी ढांचा बनाना, समावेशी और टिकाऊ औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित करना और नवाचार को बढ़ावा देना, असमानता में कमी, टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास, जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन, जलवायु परिवर्तन, पानी में जीवन, भूमि पर जीवन, शांति और न्याय के लिए संस्थान एवं लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी शामिल हैं।
रूसेन कुमार ने कहा कि ये टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) मानव जीवन के लगभग हर पहलू को शामिल कर रहे हैं। ये लक्ष्य निर्धारित समय के भीतर हासिल किए जाते हैं, तो यह सुनिश्चित है कि दुनिया भर में गरीबों का जीवन आसान होगा और उन्हें जीने के बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे।