रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की तबियत में आठ दिन बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। उनकी हालत लगातार चिंताजनक बनी हुई है। राजधानी रायपुर स्थित श्रीनारायण हास्पिटल के मैनेजिंग डॉयरेक्टर डॉ. सुनील खेमका ने शनिवार सुबह जारी विस्तृत मेडिकल बुलेटिन में बताया है कि जोगी की हालत चिंताजनक और स्थिर बनी हुई है। वे कोमा से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। चिकित्सकों की टीम उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। बावजूद, मस्तिष्क की गतिविधियां शून्य होने से वे कोमा में चले गए हैं। उन्हें वेंटीलेटर के माध्यम से सांस दी जा रही है।
गौरतलब है कि 74 वर्षीय अजीत जोगी को 9 मई को दोपहर में रेस्पिरेटरी अरेस्ट और कार्डियक अरेस्ट होने के बाद अस्तपताल में भर्ती कराया गया है। डॉ. पंकज के नेतृत्व में उनका उपचार चिकित्सकों की टीम द्वारा की जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार उनका ह्दय, ब्लड प्रेशर और युरिन आउटपुट नियंत्रित है।
कल 15 मई को श्रीनारायणा हास्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. छत्रपाल सिंह साहू और डॉ. विवेक त्रिपाठी के अलावा न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय शर्मा और डॉ. नचिकेत दीक्षित ने अजीत जोगी के मस्तिष्क का परीक्षण किया। डॉक्टरों की टीम ने सिंगापुर के नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विजय कुमार शर्मा से टेलीकांफ्रेंसिंग से अजीत जोगी के स्वास्थ्य के संबंध में विस्तार से चर्चा की।
इस टेलीकांफ्रेंसिंग में अजीत जोगी की पत्नी डॉ रेणु जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी भी शामिल हुए। विस्तार से चर्चा करने के बाद डॉक्टरों ने अभिमत दिया है कि जो सर्पोटिव ट्रीटमेंट जोगी को अभी दिया जा रहा है उसे जारी रखा जाए और मस्तिष्क सहित अन्य सभी अंगों पर नजर रखी जाए।
इस दौरान यदि उनके ब्रेन स्टेम में कुछ गतिविधि देखने को मिलती है, तब उस स्थिति में ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कोमा में चल रहे जोगी के मस्तिष्क का उपचार ऑडियो थैरेपी और इंफ्रारेड रेडिएशन से किया जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं के बराबर है और स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।