रांची। बीसीसीएल के झरिया कोयला क्षेत्र में भूमिगत आग और भू-धंसान का मामला राज्यसभा में गंूजा। राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने इस चिंता जतायी कि आग बुझानके लिए मास्टर प्लान में निर्धारित राषि नहीं के बराबर जारी की गई है। श्री पोद्दार ने सोमवार को राज्यसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से झरिया भूमिगत आग व पुनर्वास के मामले में सरकार से जवाब मांगा था। सांसद के प्रश्न पर संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन को बताया कि झारखंड के झरिया कोयला क्षेत्र में भूमिगत आग और भू-धंसान से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार ने एक मास्टर प्लान को मंजूरी दी है इस मास्टर प्लान को 10 वर्षों की अवधि के भीतर क्रियान्वित किया जाना है। बीसीसीएल ने आग बुझाने के लिए 45 योजनाएं बनायी थी, जिनमें से 17 योजनाओं में सक्रिय आग बुझा दी गयी है। विश्व बैंक द्वारा किये गये अध्ययन का हवाला देते हुए मंत्री श्री जोशी ने बताया कि वर्ष 1996 में सतही आग का फैलाव 8.9 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में था। षेष स्थानों में धनबाद, चंद्रपुरा रेलवे लाइन को शिफ्ट न किये जाने के कारण तथा अग्नि प्रभावित क्षेत्र के ऊपर वैध और अवैध तरीके से बसी आबादी को शिफ्ट नहीं किये जाने के कारण आग से निपटने का कार्य प्रभावित हुआ है। कोयला मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि मास्टर प्लान के तहत आग बुझाने के लिए 2311.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके विरुद्ध अब तक केवल 37 लाख रुपये जारी किये गये है।

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