कोरबा (IP News). कोल इंडिया लिमिटेड में नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट-XI एवं जेबीसीसीआई के गठन को लेकर हलचल शुरू हो चुकी है। इस दफे इंटक को प्रतिनिधित्व मिलेगा या नहीं इसको लेकर तमाम चर्चाएं चल रही हैं। इस बीच इंटक के तिवारी गुट ने सीआईएल चेयरमैन को पत्र भेजकर जबीसीसीआई में दावेदारी ठोकी है। केके तिवारी ने प्रतिनिधित्व के लिए चार नाम भी भेजे हैं। इधर, इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. जी संजीवा रेड्डी ने जेबीसीसीआई-XI में प्रतिनिधित्व देने के लिए सीआईएल चेयरमैन को पत्र लिखा है।
डा. रेड्डी ने पत्र में बताया है कि कोर्ट में जेबीसीसीआई-10 को लेकर लंबित आवेदन एक अगस्त, 2018 को डिस्पोज हो चुके हैं। पटियाला हाउस कोर्ट में केके तिवारी द्वारा दायर याचिका 13 अगस्त, 2018 को डिसमिस हो चुकी है। किसी प्रकार का कोई केस न ही लंबित है और न ही जेबीसीसीआई में शामिल होने को लेकर कोई रोक है। डा. रेड्डी ने बताया है कि उनकी अध्यक्षता वाली इंटक मंत्रालयों की विभिन्न बैठकों में सम्मिलित हो रही है। डा. जी संजीव रेड्डी ने जेबीसीसीआई-XI सहित अन्य समितियों में इंटक को प्रतिनिधित्व देने कहा है।
यहां बताना होगा कि कोयला मंत्रालय ने जेबीसीसीआई- XI में इंटक को प्रतिनिधित्व देने को लेकर कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखने को कहा है। कोर्ट इंटक के जिस गुट को मान्यता देने के लिए कहेगा, उसी के सदस्य जेबीसीसीआई में शामिल किए जाएंगे। जेबीसीसीआई- X में इंटक स चार सदस्य शामिल किए गए थे, लेकिन बाद में मामला कोर्ट में जाने के कारण इंटक का प्रतिनिधित्व हटा दिया गया।
खासकर कोल सेक्टर में इंटक के तीन गुट काम रहे हैं। एक रेड्डी गुट, दूसरा ददई दुबे गुट एवं तीसरा तिवारी गुट। तीनों ही गुट अपने आप को असली इंटक होने का दावा करते हैं। इंटक की गुटबाजी की वजह से ही कांग्रेस का यह श्रमिक संगठन कोल इंडिया तथा अनुषांगिक कंपनियों की महत्वपूर्ण समितियों से किनारे है।
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