नई दिल्ली (IP News). नीति आयोग, विद्युत मंत्रालय, रॉकफेलर फाउंडेशन और स्मार्ट पावर इंडिया ने आज ‘इलेक्ट्रिसिटी एक्सेस इन इंडिया एंड बेंचमार्किंग डिस्ट्रिब्यूशन यूटिलिटीज’ रिपोर्ट जारी की।
इस रिपोर्ट को 10 राज्यों में किए गए प्राथमिक सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भारत की कुल ग्रामीण आबादी के लगभग 65% प्रतिनिधित्व के साथ घरों, वाणिज्यिक उद्यमों और संस्थानों के 25,000 से अधिक सैंपल साइज को शामिल किया गया। इस रिपोर्ट में 25 वितरण उपयोगिताओं का आकलन किया गया है।
मांग (बिजली उपभोक्ताओं) और आपूर्ति पक्ष (बिजली वितरण उपयोगिताओं) से अंतर्दृष्टि हासिल करने के उद्देश्य के साथ रिपोर्ट इस प्रकार है-
- इन राज्यों सहित पूरे देश में बिजली की पहुंच की स्थिति का आकलन करना और सार्थक पहुंच बनाने वाले सभी आयामों के साथ उपयोगिताओं का वितरण करना
- बिजली की पहुंच प्रदान करने के लिए ‘बेंचमार्क यूटिलिटीज’ क्षमता और सतत पहुंच के लिए संचालकों की पहचान
- सतत बिजली पहुंच बढ़ाने के लिए सिफारिशों को तैयार करना
इस रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष :
- 92% से अधिक ग्राहकों ने अपने परिसरों के 50 मीटर की सीमा के भीतर बिजली के बुनियादी ढांचे की संपूर्ण उपलब्धता की जानकारी दी। हालांकि इनमें सभी के पास कनेक्शन नहीं है। इसका प्राथमिक कारण घरों के नजदीकी बिजली के खंभे से दूरी है।
- इस सर्वे में शामिल 87% उपभोक्ताओं के पास ग्रिड आधारित बिजली की पहुंच है। इनके अलावा बाकी 13% या तो गैर-ग्रिड स्रोतों का इस्तेमाल कर रहे हैं या बिजली का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
- ग्राहकों की सभी श्रेणियों में बिजली आपूर्ति में लगभग 17 घंटे प्रतिदिन का बड़ा सुधार हुआ है।
- लगभग 85% ग्राहकों ने इस बात की जानकारी दी कि उनके पास मीटर आधारित बिजली कनेक्शन है।
- घरेलू उपभोक्ताओं में 83% के पास बिजली की पहुंच है।
- उपयोगिता सेवाओं के संबंध में ग्राहकों के संपूर्ण संतुष्टि के स्तर का आकलन करने के लिए एक संतुष्टि सूचकांक बनाया गया था। इसके अध्ययन में ये बात सामने आई है कि सर्वे में शामिल 66% ग्राहक संतुष्ट हैं। इनमें 74% शहरी और 60% ग्रामीण उपभोक्ता हैं।
इस रिपोर्ट को जारी करने के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, ‘इस रिपोर्ट ने सरकार की योजनाओं जैसे; प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के फायदों को रेखांकित किया है, जिन्हें ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में भी हासिल किया गया है।’ उन्होंने रॉकफेलर फाउंडेशन को सुझाव दिया है कि वह विद्युत मंत्रालय के साथ नजदीकी साझेदारी कर इस रिपोर्ट में रेखांकित हल किए जाने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। इसके अलावा तीन मुख्य क्षेत्रों- पंजाब में डीबीटी योजनाओं से सीख, टैरिफ सरलीकरण के साथ इसे युक्तिसंगत बनाना और उच्च प्रदर्शन वाले भारतीय डिस्कॉमों की सर्वश्रेष्ठ कार्यविधियों को रेखांकित करें।
राजीव कुमार ने इस पर जोर दिया कि नीति और नियमन, प्रक्रिया सुधार, बुनियादी ढांचे और उपयोगिताओं के निर्माण क्षमता के क्षेत्र से संबंधित रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशों का बिजली वितरण के क्षेत्र में सुधार के लिए लाभकारी रूप से इस्तेमाल किया जाए।
उन्होंने आगे कहा, ‘इनमें से कुछ सिफारिशों जैसे; गैर-घरेलू ग्राहकों को प्राथमिकता के स्तर पर नए कनेक्शन देना, ग्राहकों के खाते में सब्सिडी या दूसरे फायदों को सीधे देना, उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित ग्राहक सेवा को बढ़ावा देना, 100% ग्राहकों का मीटर कनेक्शन सुनिश्चित करना, फीडर लाइनों को अलग करना ये सभी सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि संबंधित मंत्रालय इन फायदों को अधिकतम करने के लिए तेज गति से काम करें।’
ऊर्जा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह रिपोर्ट सभी लोगों तक सस्ती और विश्वसनीय बिजली की पहुंच सुनिश्चित करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दिखाती है। उन्होंने आगे कहा, ‘भारत सरकार सार्वजनिक बिजली वितरण उपयोगिताओं में सुधार के लिए अथक काम कर रही है। हालांकि, विनियमित टैरिफ और अपर्याप्त बुनियादी ढांचा- 24X7 (हफ्ते में सातों दिन 24 घंटे) बिजली उपलब्ध करवाने के प्रयासों में बाधाएं उत्पन्न करते हैं।’
स्मार्ट पावर इंडिया के सीईओ जयदीप मुखर्जी ने कहा, ‘ग्रिड से जुड़े सभी उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, गुणवत्ता पूर्ण 24X7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की चुनौतियों से निपटने के लिए बिजली कनेक्शन को सक्षम करने में भारत की उपलब्धियां अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।’
यह रिपोर्ट भारत में बेहतर प्रदर्शन करने वाली बिजली वितरण उपयोगिताओं द्वारा अपनाई गई सर्वश्रेष्ठ विधियों को रेखांकित करती है। इसके अलावा सतत बिजली की पहुंच बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव देती है। सर्वेक्षण के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि समय के साथ सभी क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने से संबंधित बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है। इसके अलावा यह भी दिखाता है कि हितधारकों ने सरकार द्वारा उठाए गए सुधारों की सराहना की है।