धनबाद। धनबाद में कोयले की काली कमाई करने वालों ने करीब 2900 करोड़ रुपये का कोयला बेचकर सरकार को सीधे तौर पर 300 करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगा दिया। कोयला बेचने के बाद न तो जीएसटी अदा किया न ही सेस। दरअसल, कोयला की खरीद बिक्री पर राज्य वाणिज्य कर विभाग पांच फीसद जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) और प्रति टन चार सौ रुपये सेस की वसूली करता है। जीएसटी संयुक्त आयुक्त शिव सहाय सिंह के अनुसार करीब 145 करोड़ रुपये के जीएसटी की चोरी पकड़ में आई है। यह फर्जी कंपनियों के माध्यम से कोयला बेच कर की गई है। यदि कंपनियां फर्जी थीं, तो कोयला भी चोरी का ही था। चोरी हुई पांच फीसद जीएसटी की मूल राशि 2900 करोड़ रुपये होती है। इस पर 165 करोड़ रुपये सेस का है। यह चोरी कागजातों में हेरफेर कर की गई है। ऐसे हुआ खेल : कंपनियां जब कोयला खरीदती हैं, तो पांच फीसद जीएसटी का भुगतान करती हैं। यह कोयला दूसरे को बेचा जाता है तो उससे मिलने वाला जीएसटी कोयला बेचने वाली कंपनी अपने पास रख लेती है। जीएसटी के प्रपत्र से जानकारी विभाग को दी जाती है। जीएसटी चोरी करने के लिए कोयले की खरीद बिक्री दोनों फर्जी कंपनियों के नाम से किया गया। ऐसे में ना तो खरीदने और न ही बेचने के समय जीएसटी का भुगतान हुआ। न सेस दिया, न जीएसटी : धनबाद फ्यूल के संचालक योगेंद्र सिंह ने तीन बार में कुल 2.43 करोड़ रुपये का कोयला बेचा। पांच फीसद जीएसटी और प्रति टन 400 रुपये सेस की दर से वाणिज्य कर विभाग को भुगतान किया जाता है। योगेंद्र सिंह ने इन दोनों राशि का भुगतान नहीं किया। विभाग ने जब कर चोरी और सेस का आकलन किया, तो करीब 26 लाख रुपये की चोरी उजागर हुई।

इन 17 कंपनियों पर जीएसटी चोरी की प्राथमिकी

मां गायत्री इंटरप्राइजेज, मां शांति ट्रेडिंग कंपनी, जगत जननी इंटरप्राइजेज, मां भवानी इंटरप्राइजेज, शर्मा एंड संस, आरके इंटरप्राइजेज, राय इंटरप्राइजेज, विकास कोल एजेंसी, राजन कोल ट्रेडिंग, शिव शंकर कोक सप्लायर, शर्मा इंटरप्राइजेज, जानकी कोल ट्रेडिंग, श्री राम कोल ट्रेडिंग, बालाजी इंटरप्राइजेज, सिन्हा इंटरप्राइजेज, पूर्वा इंटरप्राइजेज, भूतनाथ इंटरप्राइजेज।

नहीं दिए जीएसटी मद के 33.30 लाख रुपये

शर्मा एंड संस और आरके इंटरप्राइजेज ने भी कोयला बेचा और जीएसटी की चोरी की। दोनों ने रिटर्न फाइल भी नहीं किया। जांच के दौरान इन दोनों कंपनियों का कोई सुराग तक नहीं मिला। शर्मा एंड संस के संचालक मनोज पांडेय ने 3.97 लाख और आरके इंटरप्राइजेज के संचालक रवि कुमार ने 3.7 करोड़ का कारोबार किया था। कुल 33.30 लाख रुपये जीएसटी की चोरी की। वहीं, झरिया के धर्मशाला रोड की बीएस इंटरप्राइजेज कंपनी का 30 मई 2019 को जीएसटी में विनय कुमार शर्मा के नाम से रजिस्ट्रेशन कराया गया। जून व जुलाई 2019 में मात्र दो माह में ई-वे बिल (परमिट) निकाल कर 14.95 करोड़ का कोयला बेचा। कंपनी ने टैक्स नहीं दिया।

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