मुंबई। पतंजलि की दवा कोरोनिल टैबलेट पर महाराष्ट्र सरकार ने बान लगा दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि अगर बाबा रामदेव महाराष्ट्र में दवा बेचने की कोशिश करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने कहा कि अगर पतंजलि अपनी दवा का प्रचार या बेचने की कोशिश करती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि अभी तक इस दवा को आयुष मंत्रालय (AYUSH Ministry) से मंजूरी नहीं मिली है।

महाराष्ट्र के गृहमंत्री के बयान के बाद राजस्थान में बाबा रामदेव की एंटी कोरोना दवा की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए गए हैं। राजस्थान सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि बगैर आयुष मंत्रालय के मंजूरी के राज्य में कोरोनिल दवा (coronil drug) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यानी राजस्थान सरकार ने भी पाबंदी लगा दी है। राज्य के हेल्थ मिनिस्टर रघु शर्मा ने कहा ह कि न तो किसी राज्य सरकार को आवेदन किया है और न ही राज्य सरकार ने इस संबंध में कोई अनुमति दी है।

बता दें कि पतंजलि ने मंगलवार को कोरोना स्पेशल किट लॉन्च किया था, जिसमें दावा किया गया था कि कोरोना वायरस इलाज की आयुर्वेदिक दवा है। उन्होंने ये भी कहा था कि हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ में इसके क्लीनिकल ट्रॉयल में 100 फीसदी सही नतीजे आए हैं। पतंजलि का कहना है कि इस दवा से 69 फीसदी मरीज 3 दिन में ठीक हो गए। जबकि 7 दिन में 100 फीसदी मरीज ठीक हो गए।

दवा लॉन्च होने के बाद आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि जो दावा कर रही है उसके तथ्यों के बारे में आयुष मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं है। मंत्रालय ने पतंजलि को कहा है कि जब तक कोरोनिल (Coronil) को लेकर उनके दावों की जांच नहीं हो जाती तब तक वो अपनी इस दवा का विज्ञापन ना करें।

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