नई दिल्ली (IP News). बिजली मंत्रालय के अंतर्गत एक महारत्न कम्पनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) और देश की ‘सेंट्रल ट्रांसमिशन यूटिलिटी’ (सीटीयू) ने वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में कर देने के बाद 2,048 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है और समेकित आधार पर कुल आय 9,817 करोड़ रुपये है। कंपनी ने अकेले अपने दम पर वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में कर देने के बाद क्रमश: 1,979 करोड़ रुपये का लाभ और 9,620 करोड़ रुपये की आय अर्जित की। इस तिमाही के दौरान, कंपनी को एक असाधारण वस्तु के रूप में मान्यता दी गई, अंतिम उपभोक्ता तक पहुंच के लिए कोविड-19 महामारी के कारण अप्रैल 20 और मई 20 की बिलिंग के बजाय राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की वितरण कम्पनियों/ बिजली विभागों को 1,075 करोड़ रुपये की एक बार की समेकित छूट दी गई। इस एकमुश्त छूट के प्रभाव को छोड़कर, अकेले दम पर वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में कंपनी के लाभ में 18% की वृद्धि दर्ज की गई।
पावरग्रिड द्वारा जारी किए गए एक बयान के अनुसार, तिमाही के लिए, कंपनी ने समेकित आधार पर लगभग 1,906 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया और 1,184 करोड़ रुपये (एफईआरवी को छोड़कर) की पूंजीगत परिसंपत्ति अर्जित की। समेकित आधार पर पावरग्रिड की सकल स्थिर परिसम्पत्ति 30 जून 2020 तक लगभग 2,28,856 करोड़ रुपये थी।
तिमाही के दौरान कमीशन किए गए प्रमुख ट्रांसमिशन आधार में 400केवी डी/सी हिरीयूर-मैसूर लाइन और पावरग्रिड की मेरठ, कोटेश्वर और बलिपारा सबस्टेशनों पर आईसीटी शामिल हैं। इसके अलावा, लंबे समय से लंबित 400केवी डी/सी राजरहाट-गोकर्ण ट्रांसमिशन लाइन को भी जुलाई 2020 में चालू कर दिया गया था।
आठ सहायक टीबीसीबी काम कर रही थी और ग्यारह टीबीसीबी सहायक कंपनियां 30 जून 2020 के अंत में कार्यान्वयन के अंतर्गत थीं। अत्याधुनिक रखरखाव तकनीकों, स्वचालन और डिजिटलीकरण के उपयोग के साथ पावरग्रिड ने वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में औसतन 99.83% की उपलब्धता बनाए रखी। वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही के अंत में, पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल ट्रांसमिशन परिसम्पत्तियों में 163,695 सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनें, 248 सबस्टेशन और 413,950 एमवीए से अधिक परिवर्तन क्षमता रही।