नई दिल्ली (IP News). ईपीएफओ ने 20 नवंबर को, अनंतिम पेरोल आंकड़े जारी किए है। इसके तहत सितंबर के महीने में ईपीएफओ के साथ 14.90 नए सदस्य जुड़े हैं। इन नए आंकड़ों के साथ चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाही में 30.92 लाख नए सदस्य जुड़ गए हैं। प्रकाशित किए गए आंकड़ों में उन सभी नए सदस्यों को भी शामिल किया गया है जो महीने के दौरान शामिल हुए हैं और जिनका योगदान प्राप्त हो चुका है।
इन आंकड़ों की अगर एक साल के आधार पर तुलना की जाये तो सितंबर 2020 में पेरोल के नए आंकड़ों में 49 फीसदी की अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है। इसके पहले सितंबर 2019 में 10 लाख नए सदस्य ईपीएफओ में रजिस्टर्ड हुए थे। इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही तक कुल 30.34 लाख नए सदस्य जुड़े हैं जो कि 2019-20 के आंकड़ों के करीब-करीब बराबर है। आंकड़ों से एक बात और साबित होती है कि रोजगार के मामले सुधर कर, कोविड-19 से पहले के स्तर पर पहुंच रहे हैं।
इसके अलावा एक अहम बात और सामने आ रही है। वह यह है कि कई सदस्य दोबारा ईपीएफओ के साथ जुड़ गए है। वह ऐसे सदस्य है जो पहले, ईपीएफओ के सदस्य नहीं रह गए थे। लेकिन अब वह दोबारा जुड़ गए है। जिसका सीधा मतलब यह है कि यह सदस्य ईपीएफओ से अपनी कुल रकम निकालने की जगह उसकी सदस्यता दूसरे नियोक्ता के साथ जुड़कर बनाए हुए हैं। यानी वह अपनी रकम को दूसरे नियोक्ता के साथ मिलकर हस्तांतरित कर रहे हैं। ऐसे सदस्यों की संख्या में अगस्त की तुलना में सितंबर के महीने में 10 फीसदी बढ़ी है। अगस्त के महीने में पीएफ ट्रांसफर कराने वाले सदस्यों की संख्या जहां 6.53 लाख थी, वहीं सितंबर 2020 में यह संख्या 7.23 लाख हो गई है।
नए सदस्यों का विश्लेषण अगर उम्र के आधार पर किया जाये तो सितंबर 2020 के महीने में सबसे ज्यादा जुड़ने वाले, नए सदस्य 35 साल की उम्र के हैं। उसके बाद 18-21 साल के उम्र और 22-25 साल की उम्र के सदस्य हैं। सितंबर के महीने में 35 साल से ज्यादा के सदस्यों की संख्या अगस्त के 1.24 लाख से बढ़कर 3.90 लाख हो गई है। इसी तरह 18-25 के उम्र के लोगों की संख्या में 42 फीसदी बढ़ोतरी का अर्थ है कि रोजगार के अवसर में तेजी से सुधार हो रहा है।
राज्य के आधार पर तुलना की तुलना की जाये, तो सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक में रोजगार के मामलों में रिकवरी हुई है। इन राज्यों में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सभी उम्र के लोगों के आधार पर नए सदस्यों की संख्या 54 फीसदी बढ़कर 30.34 लाख पहुंच गई है।
क्षेत्र के आधार पर देखा जाय तो सबसे ज्यादा सेवा क्षेत्र में नए पेरोल कर्मी जुड़े हैं। सेवा क्षेत्र से जुड़ने वाले पेरोल कर्मी की संख्या, दूसरी तिमाही में 47 फीसदी बढ़ी है। इसी तरह बिल्डिंग और निर्माण क्षेत्र में 1.62 लाख, इंजीनियर और इंजीनियरिंग कांट्रैक्टर क्षेत्र में 1.57 लाख, इलेक्ट्रिकल-मैकेनिकल और जनरल इंजीनियरिंग उत्पाद में 1.51 लाख पेरोल कर्मी, दूसरी तिमाही में जुड़े हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि सभी क्षेत्रों में सुधार तेजी से हो रहा है।
ईपीएफओ एक सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जो कि ईपीएफ एवं एमपी कानून, 1952 के तहत अपने सदस्यों को कई सारे फायदे देता है। यह अपने सदस्यों को भविष्य निधि, सेवानिवृत्ति के बाद उसे पेंशन सुविधा देता है। यही नहीं आकस्मिक स्थिति में सदस्य की मौत के बाद परिवार को पेंशन सुविधा, बीमा लाभ की सुविधा भी मिलती है। पेरोल के यह आंकड़े अनंतिम तौर (प्रोविजनल) पर है। क्योंकि कंपनियों की तरफ से कर्मचारियों के रिकॉर्ड लगातार अपडेट होते रहते हैं जो कि हर महीने अपडेट होते रहते हैं।