नई दिल्ली: ज़ी न्यूज़ ने अरुणाचल प्रदेश में कोरोना से तब्लीगी जमात के 11 लोगों को पीड़ित होने की खबर चलाई थी, हालांकि सचाई ये है कि अरूणाचल प्रदेश में केरोना का सिर्फ एक मामला सामने आया है। जिस के बाद ज़ी न्यूज़ ने इस को मानवीय भूल बताया और इस भूल के लिए चैनल ने माफी मांगी है। जमीयत उलेमा हिंद ने ज़ी न्यूज़ की माफी का एक स्क्रीनशॉट जारी करके इसकी सूचना दी है।
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में केवल एक कोरोना मामले की आधिकारिक पुष्टि की गई है, जबकि ज़ी न्यूज़ ने अपनी खबर में तब्लीगी जमात को बदनाम करने की नीयत से चलाई खबर में 11 तब्लीगी जमात के लोगों को कोरोना से संक्रमित बताया था।
Zee News ने शुक्रवार को इस के लिए माफी मांगी है। जमीयत उलेमा हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत उलेमा के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद ये बदलाव आया है।
वहीं 6 अप्रैल को ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया। अपने इस ट्वीट में ज़ी ने तबलीगी जमातियों के सदस्यों को लेकर एक खबर शेयर की थी। खबर की हेडलाइन थी- “फिरोजाबाद में 4 तबलीगी जमाती कोरोना पॉजिटिव, इन्हें लेने पहुंची मेडिकल टीम पर हुआ पथराव।
अपने इस ट्वीट के साथ ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड ने यूपी पुलिस और फिरोजबाद पुलिस को टैग किया था। फिरोजाबाद पुलिस ने ज़ी न्यूज़ द्वारा फैलाए गए झूठ को बेनकाब करने के लिए तेजी से अपनी प्रतिक्रिया दी।
ज़ी न्यूज़ द्वारा फर्जी खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए फिरोजाबाद पुलिस ने लिखा, “आपके द्वारा असत्य एवं भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। जबकि जनपद फिरोजाबाद में न तो किसी मेडिकल टीम एवं न ही एंबुलेंस गाड़ी पर किसी तरह का पथराव किया गया है। आप अपने द्वारा किए गए ट्वीट को तत्काल डिलीट करें।
गौरतलब है पिछले 10 दिनों में तब्लीगी जमात को लेकर अलग अलग चैनलों ने कई फ़र्ज़ी और झूटी खबरें चलाई है जिसका मक़सद एक विशेष वर्ग को बदनाम करना है , हालांकि यूपी पुलिस और यूपी सरकार समेत कई राज्यों के मुख्यालय से इस का तेजी से खंडन भी किया गया हैज़ जिसके बाद चैनलों ने कुछ सुध ली। इस पूरे मामले को देखते हुए जहां कई चैंनलों के खिलाफ FIR तक दर्ज की जा चुकी है वहीं जमीयत उलेमा हिंद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में रखा है।
इस सिलसिले में जमीयत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि कुछ मीडिया हाउसों द्वारा कोरोना महामारी को लेकर चलाई जा रही फेक खबरों को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट का सख्त नजरिया स्वागत योग्य है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में जिस तरह से कोरोना की आड़ में कुछ तथाकथित मीडिया संस्थान अपने धार्मिक उन्माद एजेंडे को चला रहे है उससे राष्ट्रीय एकता और भाईचारे को खतरा पैदा होने का डर बढ़ गया है।
मौलाना मदनी ने कहा कि हमने अपनी इसी सोच को माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने का प्रयास किया और मुझे खुशी है कि कोर्ट कि सख्ती से फेक खबरों पर रोक लगेगी।
मौलाना मदनी ने उन राज्य सरकारों की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह से प्रशासन फेक खबरों को संज्ञान में ले रहा है वो स्वागत योग्य है। वर्तमान में देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है और आपदा के इस संकट मे धार्मिक उन्माद फैलाना राष्ट्रीय एकता और मानवता के खिलाफ है।
शुक्रवार को उलेमा के उलेमा के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में तब्लीगी पार्टी के खिलाफ चल रहे टेलीविजन न्यूज चैनलों के खिलाफ और झूठी खबरें फैलाने का मामला दर्ज किया। ज़ी न्यूज़ का माफीनामा तब से सामने आया है।
अंत में मौलाना मदनी ने कहा कि हम सब को एकजुट होकर राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में एक दूसरे के हौसले को बढ़ाना है जिससे कि हम इस महामारी से उबर सके।