पटना (IP News). कांटे की टक्कर में अंततः बिहार की सत्ता पर एनडीए ने 125 सीटों के साथ वापसी कर ली। इधर, कांग्रेस के खराब प्रदर्शन ने आरजेडी के युवा नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने से रोक दिया। महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। हालांकि इस चुनाव में आरजेडी 75 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी है। पार्टी को 97 लाख 36 हजार 242 यानी 23.11 प्रतिशत वोट मिले हैं। आरजेडी ने 144 प्रत्याशी उतारे थे। इस लिहाज से पार्टी के जीत का प्रतिशत 52 रहा है। कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन 19 पर ही सफलता मिली। कांग्रेस को 9.48 फीसदी वोट मिले हैं। महागठबंधन के दूसरे सहयोगी दलों ने कांग्रेस के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। सीपीआई माले को 19 सीटें दी गईं थीं। इनमें 12 पर सफलता मिली है। सीपीआई के 6 में 2 तथा सीपीएम के चार में 2 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।
74 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी दूसरा बड़ा दल बना है। भाजपा को 19.46 फीसदी वोट मिले हैं। पार्टी के खाते में 82 लाख 1 हजार 408 मत गए हैं। भाजपा ने 110 उम्मीदवार चुनावी मैदान पर उतारे थे। पार्टी की जीत का प्रतिशत 67.21 रहा है। जनता दल (यू) की टिकट से 115 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इनमें 43 ही जीत दर्ज कर सके। पार्टी की जीत का प्रतिशत 37.39 रहा। जेडीयू को 15.39 फीसदी यानी 64 लाख 84 हजार 414 वोट मिले। एनडीए की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने 11 सीटों में 4 पर जीत दर्ज की। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 7 सीटें दी गई थीं। इनमें 4 पर सफलता मिली।