धनबाद। राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के महामंत्री एवं वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता एके झा ने बीसीसीएल की खस्ता हाल आर्थिक स्थिति एवं कंपनी नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई और मिनी रत्न कोयला उत्पादक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। वेतन में देरी हो रही है। डीजल के अभाव में विभिन्न एरिया में प्रोडक्शन (उत्पादन) नकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है। सीएमडी गोपाल सिंह न तो कंपनी संभाल पा रहे हैं और न ही समस्या का समाधान खोज पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में वे श्रमिक संगठनों के साथ बात करके कोई सार्थक हल निकालने में आखिर क्यों हिचकिचा रहे हैं ? संवाद से समाधान निकलता है।

श्री झा ने कहा कि पीएम प्रसाद जिन दिनों सीएमडी हुआ करते थे वेतन तय समय पर मिल जाता था, लेकिन अब वह स्थिति नहीं रही। पदाधिकारी हो या कर्मचारीय महीने के 1 से 10 तारीख के बीच वेतन नहीं मिल पा रहा है। वहीं, विभिन्न एरिया में समुचित उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे का कारण डीजल का अभाव। आखिर इस पर कौन ध्यान देगा ?

राकोमसं के महामंत्री ने कहा कि बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह जनवरी 2021 में सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इस पद के लिए पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज बोर्ड (पीएसईबी) ने वैकेंसी भी पिछले दिनों निकाली, जिसमें पांच निदेशकों ने आवेदन भी किया है। गोपाल सिंह तीन-तीन बार बीसीसीएल सीएमडी के पद को सुशोभित कर चुके हैं। फिर भी, वे कंपनी की मौजूदा समस्याओं को हल करने में नाकाम दिख रहे हैं, तो क्या ऐसा माना जाए कि श्री सिंह अपनी सेवानिवृत्ति नजदीक होने के कारण कंपनी की समस्याओं को सुलझाने के प्रति सजग नहीं हैं।

एके झा ने कहा कि पीएम प्रसाद अनुभव की कमी के बावजूद श्रमिक संगठनों से बात करते थे। समस्या का डिस्कशन करते थे। वे जानते थे कि चर्चा और संवाद से समस्या का हल निकाल सकते हैं। यह बात वर्तमान सीएमडी गोपाल सिंह नहीं समझ पा रहे हैं। बीसीसीएल की समस्या को नहीं हल कर पा रहे हैं, तो श्रमिक नेताओं की गोलमेज सम्मेलन बुलाकर समस्या का निदान निकाल सकते हैं।

 

Source : COAL INDIA LIMITED ( CIL ) FB Group

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