आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने देश में पहली पीढी – वन जी एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए चावल, गेहूं, जौ, मक्का, ज्वार, गन्ना और चुकंदर इत्यादि से एथेनॉल निकालने की क्षमता बढ़ाने के लिए संशोधित योजना को मंजूरी दे दी है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एथेनॉल उत्पादक नई डिस्ट्रिलरी को चार हजार 573 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता देने को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि भारत को तेल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कम करने के वास्ते 2030 तक लगभग एक हजार करोड़ लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदा क्षमता 684 करोड़ लीटर तेल उत्पादन की है। श्री प्रधान ने बताया कि सरकार परियोजना के प्रस्तावकों द्वारा लिए गए ऋण पर एक वर्ष की मोहलत सहित पांच वर्ष के लिए ब्याज अनुदान का वहन करेगी। इसका निर्धारण प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत ब्याज दर या बैंक द्वारा लिए गए ब्याज के 50 प्रतिशत में से जो भी कम होगा उसके आधार पर किया जाएगा।
बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि मंत्रिमंडलीय समिति ने पारादीप बंदरगाह पर पोतों के लिए सार्वजनिक- निजी भागीदारी के तहत निर्माण, संचालन और हस्तांतरण के आधार पर पश्चिमी गोदी के विकास सहित विभिन्न बंदरगाह सुविधाओं के विकास की भी स्वीक़ृति दे दी है। इस परियोजना पर तीन हजार चार करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इससे कोयला और चूना पत्थर के आयात और इस्पात उत्पादों के निर्यात की आवश्यकताएं पूरी होंगी। इस परियोजना से बंदरगाहों पर भीडभाड कम होगी, समुद्री मार्ग से मालभाडे में कमी आएगी, जिससे कोयले का आयात सस्ता होगा और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढेंगे।
मंत्रिमंडलीय समिति ने आंध्र प्रदेश में कृष्णा पट्टनम औद्योगिक क्षेत्र, कर्नाटक में तुमाकुरू औद्योगिक क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब तथा मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए आधारभूत उपकरणों के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस परियोजना से लगभग तीन लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
श्री जावड़ेकर ने यह भी बताया कि 2021 में एस्टोनिया, परागोवा और डोमिनिकन रिपल्बिलक में भारतीय दूतावास खोलने को भी मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि इन तीन देशों में भारतीय दूतावास खोलने से इनके साथ भारत के राजनयिक संबंध बढ़ेंगे और द्विपक्षीय व्यापार निवेश तथा आर्थिक संबंधों को भी बढ़ावा मिलेगा। श्री जावड़ेकर ने कहा कि इससे देश की विदेश नीति उद्देश्यों को पूरा करने के लिए समर्थन जुटाने में भी मदद मिलेगी।
मंत्रिमंडल ने बाहरी अंतरिक्ष में सहयोग के बारे में भारत और भूटान के बीच हुए समझौते के ज्ञापन को भी मंजूरी दे दी है। इस सहमति पत्र पर इस वर्ष 19 नवम्बर को हस्ताक्षर किए गए थे।