इससे पहले मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भाजपा ने राज्यपाल लालजी टंडन को शनिवार (14 मार्च) को ज्ञापन सौंप कर 16 मार्च से पहले ही विधानसभा का सत्र बुलाकर कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को अविलंब विश्वास मत साबित करने के निर्देश देने की मांग की थी।

भाजपा विधायक एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा के साथ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद यहां संवाददाताओं को बताया, ”हमने राज्यपाल से अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार को अविलंब विश्वास मत सिद्ध करने के निर्देश देने की मांग की है।” उन्होंने कहा,”हमने राज्यपाल से यह भी अनुरोध किया है कि विश्वास मत पर मतदान ध्वनि मत से ना होकर डिवीजन एवं बटन दबाकर किया जाए तथा सदन की सारी कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाए।”

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिधिंया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने त्यागपत्र भेजा था। उनमें से सिंधिया समर्थक 19 विधायक बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं। सिंधिया समर्थक विधायकों के कथित तौर पर कांग्रेस से बागी होने से मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है।

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