मुंबई। शिवसेना की ओर से नाराजगी जाहिर किए जाने और उद्धव ठाकरे के निर्विरोध नहीं चुने जाने की सूरत में एमएलसी चुनाव नहीं लड़ने की चेतावनी के बाद कांग्रेस ने दूसरे उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने रविवार को इसकी घोषणा की। इसके बाद उद्धव ठाकरे के लिए निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है।
एमएलसी चुनाव में कांग्रेस की तरफ से दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद नाराज होकर शिवसेना ने दो टूक कह दिया था कि यदि उद्धव ठाकरे निर्विरोध नहीं चुने गए तो वह एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगे। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ठाकरे के लिए एमएलसी चुना जाना आवश्यक है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि निर्विरोध नहीं जीते तो वह एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी दो सीटों पर उम्मीदवार उतारने पर अड़ी है और इससे चुनाव की नौबत आएगी। राउत ने कहा कि इस सियासी ड्रामे से शिव सेना चीफ दुखी हैं। उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ बालासाहेब थोराट को दूसरे उम्मीदवार का नाम वापस लेने के लिए संदेश भेजा है।
राउत ने स्पष्ट किया कि उद्धव ठाकरे चुनाव लड़ने से डर नहीं रहे हैं लेकिन मौजूदा स्थिति राजनीति लड़ाई की नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 21 मई को 9 सीटों पर विधान परिषद चुनाव संवैधानिक और राजनीतिक संकट टालने की वजह से कराया जा रहा है।
गौरतलब है कि एक मुख्यमंत्री या मंत्री के लिए शपथ ग्रहण से छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य होता है। उद्धव किसी सदन के सदस्य नहीं हैं और उनके लिए यह समयसीमा 28 मई को खत्म हो रही है।
शनिवार रात थोराट ने बीड जिले के पार्टी अध्यक्ष राजकिशोर मोदी का नाम दूसरे उम्मीदवार के रूप में घोषित की थी। भारतीय जनता पार्टी पहले ही चार उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है। एनसीपी और शिव सेना ने दो-दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। कांग्रेस की ओर से भी दो उम्मीदवारों की घोषणा के बाद सत्ताधारी गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच चुनाव की आवश्यकता पैदा हो गई थी।