नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पावर ग्रिड कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) को उसकी अनुषंगी कंपनियों की संपत्तियों के मौद्रीकरण की अनुमति दे दी।यह बिक्री अवसंरचना निवेश ट्रस्ट के जरिये की जायेगी। इससे कंपनी को पहली खेप में 7,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने एक अहम् निर्णय लेते हुये पावर ग्रिड कार्पोरेशन को अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) के जरिये संपत्तियों का मौद्रीकरण करने को मंजूरी दे दी।
एक सरकारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। यह पहला मौका होगा जब बिजली क्षेत्र का कोई सार्वजनिक उपक्रम अपनी परिसंपत्तियों को इनविट प्रणाली के जरिये मौद्रीकरण करेगा और उससे प्राप्त राशि का नये और निर्माणाधीन पूंजीगत परियोजनाओं में इस्तेमाल करेगा।इससे पावर ग्रिड को पहले खेप में 7,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त हो सकती है। पावर ग्रिड की इन परिसंपत्तियों में उच्च क्षमता की ट्रासमिशन लाइनें और सब- स्टेशन शामिल हैं। ये संपत्तियां विशेष उद्देशीय निकाय (एसपीवी) के रूप में पावर ग्रिड के तहत हैं।इस तरह से प्राप्त राशि का इस्तेमाल पावर ग्रिड अपनी नई परियोजनाओं और निर्माणाधीन परियोजनाओं में कर सकेगा। विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाली पावर ग्रिड कार्पोरेशन एक सार्वजनिक उपक्रम है जो कि विद्युत पारेषण के क्षेत्र में कारोबार करती है।कंपनी का पूरे देश में फैला ट्रांसमिशन नेटवर्क है।