कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने के बीच पिछले दो महीनों में शेयरों में गिरावट आयी है। इससे निवेशकों को कम दाम पर शेयर खरीदने का अवसर मिला है। रिपोर्ट के अनुसार चीनी बैंक भारत में निवेश के नये अवसर तलाश रहे हैं। हालांकि, यह नहीं पता चला है कि शेयर किस भाव पर खरीदे गये। एचडीएफसी शेयर में जनवरी-मार्च के दौरान 33 प्रतिशत नीचे आया। एक जनवरी को यह 2,433.75 पर था जो 31 मार्च को 1,630.45 रुपये पर था।
निवेशक जिम रोजर्स बोले-आगे और बुरा वक्त देखने को मिल सकता है
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण एशियाई और यूरोपीय बाजारों में गिरावट जारी है। इस साल की पहली तिमाही भी महामारी के कारण शेयर बाजारों के लिए खराब रही है। दुनिया मंदी की कगार पर है। लाखों लोग नौकरी गवां चुके हैं। करोड़ों लोगों पर छंटनी की तलवार है। कोविड-19 से दुनिया की कई बड़ी अर्थव्वस्थाएं तबाही के कगार पर हैं। यह यहीं नहीं रुकने वाला है। अभी और भी बुरे दिन आने वाले हैं। यह कहना है दिग्गज निवेशक जिम रोजर्स का। रोजर्स होल्डिंग्स इंक के चेयरमैन का कहना है कि बहुत बड़ी गिरावट के बाद शेयर बाजार में देखी जा रही यह तेजी कुछ समय के लिए जारी रह सकती है। लेकिन, बुरा दौर आना बाकी है।
रोजर्स कहना है कि कोरोना वायरस के चलते बाजार पर तीन तरह से मार पड़ेगी। पहला, अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। दूसरा, कर्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। अंत में, अभी ब्याज की कम दरें बढ़ने के बाद काफी चोट पहुंचाएंगी। रोजर्स कहा, “अगले दो साल में मैं अपनी जिंदगी में बाजार की सबसे बड़ी मंदी देखने जा रहा हूं।” साल 2008 की आर्थिक मंदी के बाद बीती तिमाही बाजार के लिए सबसे खराब रही। दुनियाभर में सरकारों ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बड़ा निवेश किया। केंद्रीय बैंकों ने आनन-फानन में ब्याज दरों को घटा दिया।
यह पहली बार नहीं है जब रोजर्स ने बाजार में मंदी की आशंका जताई है। रोजर्स ने साल 1970 में जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर क्वांटम फंड की शुरुआत की थी। उन्होंने साल 2018 में मंदी का आशंका जताई थी। उनकी बातें सही होती दिख रही हैं, क्योंकि लॉकडाउन के चलते कामकाज ठप होने से कई कंपनियों पर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि जब भी मंदी की आहट सुनाई देती है।
source : Hindustan