अक्टूबर में केंद्र सरकार ने बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनरोद्धार के लिए 68,751 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। इसमें 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन, स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति (वीआरएस) और कंपनियों का विलय शामिल है। एयूएबी ने कहा कि बीएसएनएल की पुनरोद्धार योजना में 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन, वीआरएस, परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण और दीर्घावधि बांड जारी कर 15,000 करोड़ रुपए का कोष जुटाने के लिए सरकार की गारंटी शामिल है। इस कोष में 8,500 करोड़ रुपये बीएसएनएल के और 6,500 करोड़ रुपए एमटीएनएल के लिए जुटाए जाने हैं।

बयान के अनुसार, ”इन सारी घोषणाओं में से वीआरएस को छोड़कर कुछ और लागू नहीं किया गया है। इसके माध्यम से 78,569 बीएसएनएल कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। यह बहुत दुख की बात है कि चार महीने बीत जाने के बावजूद बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटित नहीं किया गया है।”

इसके अलावा 8,500 करोड़ रुपए जुटाने के लिए सरकार ने बीएसएनएल को अभी तक गारंटी भी नहीं दी है। वहीं कंपनी की परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण का काम भी धीमी गति से चल रहा है। बीएसएनएल के कर्मचारी संगठनों के संघ का कहना है कि 4जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में देरी और कोष की अनुपलब्धता के चलते बीएसएनएल की 4जी सेवा 2020 के अंत से पहले शुरू होने की संभावना नहीं है।

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