नई दिल्ली। ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर रेल बचाओ देश बचाओ अभियान के तहत तमाम रेल कर्मचारियों ने देशभर में रेल निजीकरण व निगमीकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को विरोध दिवस मनाया। इस दौरान रेल कर्मचारियों और सभी शाखा के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी विरोध की तस्वीरें ट्वीट कर विरोध जताया।
ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि भारतीय रेल देश की जीवन रेखा है इसका निजीकरण मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि ट्रेनों का संचालन निजी हाथों में न दिया जाए। उन्होंने अप्रेंटिस को नोकरी देने की मांग उठाने के साथ ही रेलवे में 50 प्रतिशत पदों को खत्म करने का आदेश वापस लेने की मांग की। शिवगोपाल मिश्रा ने सरकार के दोहरी नीति पर जमकर प्रहार किया और रेलकर्मियों के साथ जनता को आगाह किया कि अगर आज हम नहीं जगे तो आने वाले पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी क्योंकि तब सरकार हमारे के लिए कुछ नहीं छोड़ेगी। उन्होंने आह्वान किया कि सरकार मानी तो ठीक है नहीं तो जिस दिन से नई रेलगाड़ी चलाने का ऐलान होगा उसी दिन से रेल का चक्का जाम कर दिया जायेगा।
शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि रेलवे को बचाने के लिए लड़ी जा रही लड़ाई देश को बचाने का समान है। यह लड़ाई सिर्फ रेलकर्मियों के लिए नहीं है बल्कि उपभोकताओं के लिए है देश के इंडस्ट्रिज के लिए है। उन्होंने सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि देश की जनता की बदौलत ही आज अंबानी की पहचान बनी। अडानी के लिए सरकार पलके बिछाये है और विदेशी कंपनियों को दावत दे रही है। उन्होंने सरकार की पहल को लेकर आगाह किया कि आज कुछ ट्रेनों को निजी हाथों में देने की बात हो रही है कल यह संख्या दो हजार हो सकती है यह निर्णय न देश के हित में होगा न ही जनता के हित में।
शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार हमारे उत्पादन इकाईयों को बेचने में लगी है तो हमारे कर्मचारी कहां जायेंगे? मल्टी स्कील योजना के नाम पर एक आदमी से तीन-तीन काम करने की तैयारी चल रही है। सरकार मंहगाई पर रोक नहीं लगा पा रही लेकिन भत्ते पर रोक है। नयी पेंशन स्कीम बड़ा धोका है। रिटायमेंट के बाद रेलकर्मियों ही नहीं सरकारी कर्मचारियों को यह चिंता खाये जा रही। रेलवे में वैकेंसी नहीं आ रही है जो रेलकर्मी सस्ते में सेवा दे रही उसे निजी हाथों में सौपने की तैयारी चल रही है। इसके खिलाफ एकजुट होना होगा और यह जिम्मेदारी हमारी है कि हम न सिर्फ अपने रेलकर्मियों बल्कि आम लोगों तक यह बात पहुंचाये।
शिवगोपाल मिश्रा ने लॉकडाउन में रेलकर्मियों की उपस्थिति और सहयोग को सहयोग प्रेरणा बताया और कहा कि आंदोलन को सीमित नहीं रखे इस आंदोलन से रेलकर्मियों और जनता के बीच ले जाये, तभी हम सरकार को चुनौती दे सकेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि हर अशांति के लिए जिम्मेदारी सराकर होगी। कहा कि हम विकास के रास्ते पर बाधा नहीं बनना चाहतेए लेकिन अगर भारत सरकार देश को बेचकर देश के विकास का नाम देना चाहती है तो उसे इसकी इजाजत नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि हम अपना अधिकार मांगते है नहीं किसी से भीख।