कोविड महामारी के चलते हुए नुकसान के बावजूद भारतीय रेल को अपनी लागत कम करने और उत्पादकता में सुधार की प्रकिया को जारी रखना चाहिए। ये बात रेल, वाणिज्य और उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने सभी रेलवे जोन के कामकाज की समीक्षा करते हुए कही।
रेल मंत्री ने रेलवे जोन के अधिकारियों को प्रोत्साहित किया कि वे बोर्ड के साथ राष्ट्रीय अनुकूलन के लिए अपने सर्वोत्तम अभ्यासों और नीतिगत सुझावों को साझा करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की तरफ से ये सुझाव हर उस चीज पर हो सकते हैं जो बेहतर यात्री सेवाओं, सुरक्षा, राजस्व उत्पादन, माल और व्यवसाय के विकास में योगदान कर सकते हैं, या फिर गति बढ़ा सकते हैं। या अन्य किसी संबंधित विषय पर भी सुझाव हो सकते हैं।
मंत्री ने रेलवे बोर्ड से सभी जोन की सर्वोत्तम प्रथाओं का जल्द से जल्द अध्ययन करने के लिए कहा। जहां कहीं भी अच्छी प्रथाएं या विचार हों, उन्हें बाकी जगहों पर भी अपनाया जा सकता है जिससे राष्ट्रीय अनुकूलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
श्री गोयल ने कहा कि गाड़ियों को चलाने पर होने वाले ऊर्जा खर्च को और तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए।
मंत्री ने कहा कि इस बार के ऐतिहासिक बजट में रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय आवंटन से रेलवे के पास अपनी क्षमता में विस्तार करने और भविष्य के लिए खुद को तैयार करने की नींव रखने का सुनहरा अवसर है।
पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे के माल परिचालन ने देश की आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों में बड़े पैमाने पर योगदान करने में मदद की है इसलिए लोडिंग और माल ढुलाई की गति को बनाए रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में कार्य की दैनिक निगरानी की जानी चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी समय-सीमाओं का पालन करें।
पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे द्वारा कोवि़ड-19 सावधानियों का पालन लगातार करते रहना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष रेलवे को आम बजट में 1.10 लाख करोड़ का रिकॉर्ड बजटीय आवंटन हुआ है जिसके साथ आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए कुल पूंजी व्यय 2.15 लाख करोड़ का है। इसमें रिकॉर्ड 1.07 लाख करोड़ रुपए सकल बजटीय सहायता से, 7,500 करोड़ रुपए आंतरिक संसाधनों से और 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बाहरी बजटीय संसाधनों शामिल हैं।
वार्षिक योजना 2021-22 का जोर बुनियादी ढांचे के विकास, प्रवाह क्षमता वृद्धि, टर्मिनल सुविधाओं के विकास, ट्रेनों की गति में वृद्धि, सिग्नल प्रणाली, यात्रियों / उपयोगकर्ताओं की सुविधाओं में सुधार, सड़क के ऊपर पुलों / अंडरब्रिज के सुरक्षा कार्यों पर है।