रायपुर। कोरोना महामारी में छत्तीसगढ़ का बार्डर पुलिस-प्रशासन ने महीने भर से सील कर रखा है। यहां से वाहन तो दूर, पैदल गुजरकर क्रॉस करना बेहद कठिन है, लेकिन महाराष्ट्र, हैदराबाद, तेलंगाना समेत पड़ोसी राज्यों से आने वाले मजदूरों को रोकने में पुलिस-प्रशासन फेल हो गया है। बार्डर पर चकमा देकर सैकड़ों मजदूर रोज छत्तीसगढ़ की सीमा प्रवेश कर अपने पैतृक गांव पहुंचने में कामयाब हो रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण दूसरे राज्यों से पैदल रायपुर पहुंचे मजदूरों का मिलना है।
सबसे अहम है, इन मजदूरों के छत्तीसगढ़ सीमा में आने के बाद न ही उनका मेडिकल चेकअप हो रहा है और न ही क्वारेंटाइन का इंतजाम है। इससे कोरोना रेड जोन से लौटने वाले मजदूरों से छग में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। तीन दिन में मिले 90 मजदूर जानकारी के मुताबिक बीते 3 दिन में रायपुर में करीब 90 मजदूर मिले हैं, जो लॉकडाउन में हैदराबाद, तेलंगाना और महाराष्ट्र में फंसे हुए थे। ये मजदूर आर्थिक तंगी और भोजन की समस्या से परेशान होकर पैदल ही पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा से अपने पैतृक निवास के लिए रवाना हुए थे, जिन्हें रायपुर में रोककर खाना खिलाया गया और पुलिस ने मजदूरों को क्वारेंटाइन किया। हालांकि इससे अधिक मजदूर रोज बार्डर से छग में प्रवेश कर रहे हैं, जो पुलिस-प्रशासन की नजरों से बचकर पैतृक गांव तक पहुंच रहे हैं।
तेलंगाना से पैदल पहुंचे रायपुर
छत्तीसगढ़ के करीब 15 मजदूर परिजनों संग तेलंगाना से पैदल ही निकले थे, जो 10 दिनों तक पैदल चलकर बाघ नदी बार्डर क्रॉस कर रायपुर पहुंचे। इन्हें बार्डर पर भी रोका नहीं गया। मजदूरों के टाटीबंध पहुंचने की भनक लगने पर भी उन्हें बगैर जांच ही छोड़ दिया गया। श्रम विभाग के अफसर मजदूरों से मिलने तक नहीं पहुंचे। अब सवाल उठता है, बार्डर पुलिस-प्रशासन और डॉक्टरों की टीम क्वारेंटाइन और मॉनिटरिंग करने लगाई गई तो उन्हें प्रवेश कैसे व क्यों दिया जा रहा है? छत्तीसगढ़ की सीमा में ऐसे घुस रहे मजदूर राजनांदगांव-महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के बार्डर, महासमुंद-ओडिशा बार्डर, सरगुजा-यूपी बार्डर, जशपुर-झारखंड बार्डर, रायगढ़-ओडिशा, कवर्धा-ओडिशा बार्डर और बस्तर-आंध्रप्रदेश बार्डर को सील किया गया है।
इन बार्डर से प्रवेश के अलावा 4 से 5 संपर्क मार्ग हैं, जिससे छत्तीसगढ़ में प्रवेश हो सकता है। इन्हीं रास्तों का इस्तेमाल कर या फिर तड़के सुबह बार्डर के रास्ते से मजदूर क्रॉस कर छग की सीमा में प्रवेश करते हैं। सबसे अहम है, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के रास्ते अधिकांश मजदूर छग की सीमा में घुस रहे हैं। वहां न तो उनका मेडिकल चेकअप हो रहा है और न ही उन्हें क्वारेंटाइन किया जा रहा है।
Source : HariBboomi