लॉक डाउन के चलते पैदा हुई बदहाली से वकीलों को उबारने के लिए वकीलों की प्रतिनिधि संस्था बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने अधिवक्ताओं को वित्तीय सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से एक योजना शुरुआत की है। जिन वकीलों की वकालत पांच साल से ज्यादा की है, ऐसे वकील इस योजना के तहत तीन लाख रुपए के कर्ज के लिए पात्र होंगे।

कर्ज के लिए वकीलों को कुछ भी गिरवी नहीं रखना पड़ेगा। शुरुआती 6 महीने वकीलों को कर्ज़ की क़िस्त का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। कर्ज के भुगतान के लिए वकीलों को पांच साल का समय मिलेगा। यह कर्ज सालाना 8.85 प्रतिशत की ब्याज दर से दिया जाएगा। बार काउंसिल के एक लाख 75 हजार से अधिक वकील सदस्य है।

इस योजना के बारे में बार में काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र व गोवा के निर्वाचित प्रतिनिधि अधिवक्ता उदय वारुनजीकर ने कहा कि लॉकडाउन के चलते पैदा हुए वित्तीय संकट से वकीलों को उबारने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से शुरु की गई योजना के तहत मिलने वाली राशि से वकील अपने कार्य के लिए लैपटॉप व प्रिंटर जैसी चीजें खरीद सकेंगे।

2 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच इस योजना का लाभ ले सकेगे। योजना की शुरुआत को लेकर आयोजित कार्यक्रम में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के अध्यक्ष वसंतराव भोसले, काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष सुभाष घाटगे, काउन्सिल के प्रतिनिधि व अधिवक्ता वी बी कोंडे देशमुख व बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक सहित कई वकील उपस्थित थे।

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