कोरबा (आईपी न्यूज)। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) की धातु उत्पादक इकाइयों ने अपने विश्वस्तरीय उत्पादन, उत्पादकता, गुणवत्ता, औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण प्रबंधन तथा नेतृत्व के लिए वर्ष 2019 का इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग एक्सीलेंस पुरस्कार जीता है। पुरस्कार ‘‘फ्यूचर रेडी फैक्टरी अवार्ड-मेटल सेक्टर, मेगा लार्ज बिजनेस’’ श्रेणी में दिया गया। मंुबई में 19 दिसंबर, 2019 को आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कार बालको के निदेशक (बिजनेस एक्सीलेंस, रिलायबिलिटी एंड अश्योरेंस) अनुराग तिवारी ने ग्रहण किया। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने उपलब्धि के लिए बालको परिवार को शुभकामनाएं दी हैं।
वर्ष 2019 का इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग एक्सीलेंस पुरस्कार देश के टॉप-10 संयंत्रों को दिया गया। आयोजन के दौरान श्री तिवारी ने अपने उद्बोधन में बालको टीम की प्रशंसा की। उन्होंने वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के विजन, विनिवेश के बाद लगभग दो दशकों में बालको में हुए निवेश एवं प्रगति, सामाजिक उत्तरदायित्व के अनेक कार्यक्रमों, महिला सशक्तिकरण तथा देश के विकास में बालको के योगदान से अवगत कराया। श्री तिवारी ने कहा कि बालको विभिन्न क्षेत्रों में उत्तरोत्तर प्रगति के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। समारोह में एलएंडटी, बीपीसीएल, एचयूएल, कोका कोला, हनीवेल, ल्यूपिन तथा आदित्य बिरला समूह के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्रति वर्ष यह पुरस्कार उन कंपनियों को प्रदान किया जाता है जो कच्चे माल की गुणवत्ता व प्रक्रिया के नियंत्रण, तैयार उत्पाद की गुणवत्ता में निरंतरता, नवाचारों के समावेश, बाजार में हो रहे परिवर्तनों के अनुरूप स्वयं को ढालने, कर्मचारी कल्याण, औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण, सामुदायिक उत्तरदायित्व आदि क्षेत्रों में उत्तरोत्तर सुधार करते हुए व्यावसायिक श्रेष्ठता प्राप्त करते हैं। इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग एक्सीलेंस अवार्ड (आई.एम.ई.ए.) की स्थापना वर्ष 2004 में फ्रॉस्ट एंड सुलिवन द्वारा कंपनियों को उनके प्रतिस्पर्धात्मक एवं लीन ऑर्गेनाइजेशन बनने की यात्रा में उन्हें सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई।
आईएमईए के पास विश्वस्तरीय श्रेष्ठ उत्पादन प्रक्रियाओं के आधार पर उद्योग के मूल्यांकन की वृहद, उच्च अनुशंसित एवं निरंतर अपडेट प्रक्रिया है। पुरस्कार का उद्देश्य न केवल भारत की श्रेष्ठ उत्पादन सुविधाओं की पहचान करना है बल्कि सुव्यवस्थित मूल्यांकन प्रक्रिया तथा उद्देश्य से उत्पादन क्षमता का मानचित्र तैयार करना व सुधार क्षेत्रों की पहचान करना भी है।