कोरबा (IP News). वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल देश के शीर्ष पांच लोकोपकारी हस्तियों में शामिल किए गए हैं। एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलान्ट्रॉफी लिस्ट 2020 जारी करते हुए हुरुन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष श्री अग्रवाल के योगदान में 90 फीसदी का इजाफा हुआ है।
हुरुन की रिपोर्ट कहती है कि वेदांता समूह ने 2 फीसदी की शासकीय कटिबद्धता से परे जाकर सामुदायिक विकास कार्यक्रमों में योगदान दिया है। रिपोर्ट में नगद और नगद समतुल्यता के साथ 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 की 12 महीनों की अवधि की विधिक प्रतिबद्धता तथा कॉरपोरेट मामले मंत्रालय के पास उपलब्ध सी.एस.आर. डाटा को शामिल किया गया है।
कोविड-19 के खिलाफ चल रही लड़ाई में वेदांता समूह ने अग्रणी योगदान देते हुए पीएम-केयर्स फंड में 101 करोड़ रुपए का योगदान दिया। कंपनी ने कोविड संबंधी कार्यों, दिहाड़ी मजदूरों और स्थानीय समुदायों की मदद की दिशा में योगदान के लिए 100 करोड़ रुपए की विशेष निधि स्थापित की है।
समाज को वापस लौटाने के अपने दर्शन के अनुरूप श्री अग्रवाल ने लोकोपकारी कार्यों में अपनी संपत्ति के 75 फीसदी अंश के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। लोकोपकारी कार्यों के लिए श्री अग्रवाल ने वेदांता फाउंडेशन नामक संगठन स्थापित किया है। फाउंडेशन की स्थापना का उद्देश्य जरूरतमंदों की समृद्धि में योगदान करना और व्यवसाय से अर्जित लाभ का अंश समाज को वापस देना है।
हुरुन की रिपोर्ट में कहा गया है कि वेदांता फाउंडेशन शिक्षा, कंप्यूटर शिक्षण, कौशल उन्नयन, महिला एवं बाल विकास एवं समुदाय के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित करता है।
वेदांता केयर्स के तत्वावधान में श्री अग्रवाल के नेतृत्व में नंद घरों की स्थापना की दिशा में कार्य संचालित है। वेदांता समूह की इस महत्वपूर्ण परियोजना के अंतर्गत देश के विभिन्न राज्यों में पहले से संचालित आंगनबाड़ियों को अत्याधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। यह परियोजना बाल कुपोषण के उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य की उपलब्धता, ग्रामीण महिलाआंे के कौशल उन्नयन और सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। वर्ष 2015 में नंद घर परियोजना की शुरूआत की गई जिसके अंतर्गत देश में पहले ही 1700 नंद घर प्रारंभ हो चुके हैं। पूरे देश में लगभग 800 करोड़ रुपए के निवेश से 4000 नंद घर स्थापित करने की योजना है।
समूह की सामुदायिक विकास परियोजनाओं के अंतर्गत 7 मुख्य स्तंभों- शिक्षा, स्वास्थ्य, पेय जल की उपलब्धता व स्वच्छता, आजीविका, कौशल उन्नयन, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों और कर्मचारियों के स्वैच्छिक योगदान को प्रोत्साहित किया जाता है। वेदांता फाउंडेशन के माध्यम से जरूरतमंदों को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनने में मदद दी जाती है। बालको मेडिकल सेंटर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में वेदांता के सामुदायिक विकास परियोजना का महत्वपूर्ण अंग है। 200 बिस्तरों का यह सेंटर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित है। गोवा और उदयपुर में संचालित फुटबॉल एकेडमी के जरिए खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
हुरुन इंडिया एडेलगिव फाउंडेशन का सहभागी संगठन है। ये देश में लोकपकारी गतिविधियों को समझने की दिशा में रिपोर्ट तैयार करते हैं।