नई दिल्ली। गुरुवार को श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने नई दिल्ली में आधार वर्ष 2016 के अनुसार औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) की नई श्रृंखला जारी की।
श्री गंगवार ने कहा कि यह सूचकांक प्राथमिक रूप से संगठित क्षेत्र के कामगारों को देय महंगाई भत्ते का अनुमान लगाने के लिए उपयोग किया जाता है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और बीमा कंपनियों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता तय करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
श्री गंगवार ने कहा कि पहले औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तय करने का आधार वर्ष 2001 माना जाता था। श्री गंगवार ने इसे महत्वपूर्ण आर्थिक सूचक बताया।
फिलहाल औद्योगिक मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का बेस ईयर 2001 है और अब इसे 2016 कर दिया गया है। इससे साफ है कि एक झटके में बेस ईयर में 15 सालों का अंतर किए जाने से DA में बढ़ोतरी होगी। मार्च में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए DA में चार प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई थी। बाद में अप्रैल में चल रही कोरोना महामारी के कारण, अगले साल जून तक बढ़ोतरी को टाल दिया गया था। फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों को 17 फीसदी महंगाई भत्ता यानी DA मिलता है।
अब केंद्रीय कर्मचारियों को भविष्य में अच्छा खास महंगाई भत्ता मिल सकता है। सरकार ने आधार वर्ष बदल दिया है। महंगाई भत्ते में इजाफा होना तय है। इस परिवर्तन से देश के 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सीधे तौर पर फायदा होगा। कर्मचारियों की सैलरी और DA का आकलन इस Consumer Price Index पर ही आधारित होता है। सरकार के इस फैसले से देश में करीब तीन करोड़ औद्योगिक मजदूरों को भी राहत बड़ी मिलेगी और उनकी सैलरी में इजाफा हो सकता है।
हालांकि केंद्रीय कर्मचारियों को इसका तत्काल लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि DA में इजाफे पर केंद्र सरकार ने जून 2021 तक के लिए रोक लगा रखी है। कोरोना संकट के बीच सरकार ने मार्च के आखिरी सप्ताह में जनवरी से बढ़े हुए DA के भुगतान को रोक दिया था। इसके अलावा अगले साल जून तक के लिए इजाफे पर रोक की भी बात कही गई है। फिर भी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के बेस ईयर में बदलाव होने से भविष्य में केंद्रीय कर्मचारियों को सीधे तौर पर फायदा होगा।