कोलकाता। कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियां जो नेगेटिव ग्रोथ में हैं, उन्हें पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज करने का टास्क सीएमडी मीट में मिला। कोल इंडिया चेयरमैन की मौजूदगी में वर्चुअल सीएमडी मीट में उत्पादन एवं डिस्पैच पर विस्तार से चर्चा हुई। अनुषंगी कंपनियों के निगेटिव ग्रोथ का असर कोल इंडिया के ओवरऑल प्रर्दशन पर पड़ता है। कोल इंडिया का प्रतिदिन का उत्पादन अभी दो मिलियन टन से काफी नीचे है। इसे दो मिलियन टन से आगे ले जाने पर जोर दिया गया। बीसीसीएल को बेहतर करने का निर्देश मिला है। उत्पादन एवं डिस्पैच के मोर्चे पर कंपनी की स्थिति ठीक नहीं है।
जमीन के बदले मुआवजा नीति की कोल इंडिया समीक्षा करेगी। सीएमडी मीट में इस पर विचार किया गया। हालांकि कोई निर्णय नहीं लिया गया है। फिलहाल जमीन के बदले नियोजन के अलावा मुआवजा की भी नीति है। जो जमीन के बदले नौकरी नहीं लेते हैं, उन्हें हर महीने कंपनसेशन दिया जाता है। कोल इंडिया को जमीन की दरकार है और संकेत है कि जमीन देने के लिए लोगों को आकर्षित करने के लिए मुआवजा नीति को आकर्षक बनाया जाएगा।
सीएमडी मीट में कोयला कंपनियों को निर्देश दिया गया कि कोविड-19 के कारण फर्स्ट क्वार्टर में कोयले के उत्पादन एवं डिस्पैच में जो कमी हुई है, उसकी भरपाई दूसरे क्वार्टर में हर हाल में करना है। मौजूदा समय में उत्पादन से ज्यादा कोयले का डिस्पैच हो रहा है। कंपनियों से चेयरमैन बोले कि स्टॉक में पर्याप्त कोयला रहे, इसलिए डिस्पैच को बढ़ाएं। चेयरमैन समेत सभी अनुषंगी कंपनियों के सीएमडी बैठक में मौजूद थे। पूर्व सीएमडी मीट के कुछ मूद्दों पर भी चर्चा हुई।
प्रमुख मुद्दे जिन पर हुई बात
- कोयला अधिकारियों के प्रमोशन की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। सीएमडी मीट में प्रमोशन को लेकर हो रहे कोर्ट केस पर चिंता जताई गई
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कैडर बनाने की तैयारी। रिटायर फौजियों को सुरक्षाकर्मी के रूप में भर्ती करने की योजना पर विचार