कोलकाता। सीएमपीएफ बोर्ड का कार्यकाल पिछले महीने खत्म हो गया। नए बोर्ड के गठन के लिए ट्रेड यूनियनों से नाम मांगे गए हैं। जब तक बोर्ड का गठन नहीं हो जाता, नीतिगत निर्णय नहीं लिए जा सकेंगे।

सीएमपीएफ सूत्रों ने बताया कि 10 मई को ही बोर्ड का कार्यकाल खत्म हो गया है। हर तीन साल पर बोर्ड का पुनर्गठन होता है। कोयला सचिव पदेन अध्यक्ष होते हैं। सीएमपीएफ कमिश्नर, कोयला कंपनियों के निदेशक कार्मिक आदि बोर्ड में रहते हैं। इसके अतिरिक्त यूनियनों के सदस्य तथा कुछ नए अधिकारी बदलते हैं। सूत्रों ने बताया कि जून में नया बोर्ड अस्तित्व में आ जाएगा। 2019 दिसंबर महीने में बोर्ड की अंतिम बैठक हुई थी। अब नया बोर्ड गठन होने के बाद ही बैठक होगी।

संकेत दिया गया कि कुछ यूनियनों ने अपने सदस्य का नाम दे दिया है। लॉकडाउन के कारण भी प्रक्रिया पूरी करने में थोड़ी परेशानी हुई है। जल्दी ही सीएमपीएफ से नए नाम कोयला मंत्रालय भेजे जाएंगे। इसके बाद गजट नोटिफिकेशन होगा। मालूम हो पीएफ का ब्याज दर, पीएफ फंड का निवेश सहित महत्वपूर्ण निर्णय बोर्ड में ही लिया जाता है।

कोयला मंत्री यूनियन नेताओं से करेंगे बात

कॉमर्शियल माइनिंग सहित अन्य मुद्दों को लेकर कोयला क्षेत्र में उपजे माहौल को देखते हुए कोयला मंत्री ने सेंट्रल ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों संग बात करने का निर्णय लिया है। इस बात की सूचना कोल इंडिया की ओर से यूनियन प्रतिनिधियों को दी गई है। फिलहाल तिथि तय नहीं है लेकिन मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसी सप्ताह बात करेंगे। मामले पर सीटू के डीडी रामांनदन ने कहा कि सूचना दी गई है लेकिन कब बात होगी, क्या मुद्दे हैं इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है।

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