नई दिल्ली (IP News). मंगलवार को नई दिल्ली स्थित अशोका होटल में कोल इंडिया की 45वीं कोयला खदानों में सुरक्षा संबंधी स्थायी समिति की बैठक आयोजित हुई। केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कोल सचिव अनिल कुमार जैन, सीआईएल चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, डीजीएमएस प्रभात कुमार, बीएमएस के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी, संजय सिंह, एचएमएस से नाथूलाल पांडेय, एटक से सीजे जोसफ, सीटू से मानस मुखर्जी सभी कंपनियों के सीएमडी व अन्य अधिकारी शामिल हुए।
केन्द्रीय कोयला मंत्री ने खदानों में शून्य दुर्घटना पर जोर दिया। कोयला कामगारों और ठेका श्रमिकों का बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में सभी यूनियन के पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी।
बीएमएस के कोल प्रभारी लक्ष्मा रेड्डी एवं संजय सिंह ने निम्न बिंदु रखे:
- कोविड-19 के तहत कोरोना बीमारी से जान गंवाने वाले विभागीय व ठेका श्रमिकों को एक्सगे्रसिया भुगतान किया जाए और राशि को 15 लाख से बढ़ाकर दिया जाए।
ठेकेदारी कामगार जो खदान में कार्य के दौरान मरते हैं। उनके परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था प्रबंधन को करनी चाहिए। - कोल इंडिया का भविष्य आगामी 20 वर्षों में प्रदूषण को लेकर संदेहास्पद है। इस निमित्त दूसरे क्षेत्र में निवेश हेतु कोल इंडिया को सोचना होगा।
- चूंकि जेबीसीसीआई- 11 के तहत वेतन समझौता कोल कर्मचारियों हेतु 01 जुलाई 2021 से लागू होना है। इसके लिए समिति का गठन अविलंब किया जाए।
- सिंगरेनी कोल फील्ड के कुप्रबंधन को गंभीरता से लिया जाए।
- स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के द्वारा कोल इंडिया के सभी खदानों व निजी खदानों का निरीक्षण किया जाने हेतु कार्यक्रम बनाना होगा।
- आवास रिपेयरिंग से संबंधित जो आंकड़े प्रबंधन द्वारा दिए गए हैं और 91 प्रतिशत काम होना बताया गया है, यह सही नही है। वास्तव में 25 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है। सत्यता की जांच टीम बनाकर की जानी चाहिए।
- स्टेच्युुुरी पर्सन, 1000 जूनियर अधिकारी (ई 2) व माइनिंग सरदार, ओवरमैन की भर्ती अविलंब किया जाए, 600 जूनियर अधिकारियांे (ई 2) हेतु प्रमाण पत्र डीजीएमएस के पास पड़े हैं उन्हें वन टाइम पदोन्नति प्रदान कर दी जाए।
सेफ्टी मैनेजमेंट प्लान, मिस फायर डिटेक्टर, ग्रीन बेल्ट चैनल ,एचईएमएम में अन्य सेफ्टी डिवाइस के अलावा प्रोक्सिमिटी डिवाइस, मैन राईडिंग, गंभीर दुर्घटनाओं के आंकड़ों का सांघातिक दुर्घटनाओं से कम का गलत आंकड़ा प्रबंधन द्वारा प्रस्तुत करना, स्ट्रेटा कंट्रोल सेल, एसएमपी का सेफ्टी मैनेजमेंट प्लान ना होकर सॉफ्ट मैनेजमेंट प्लान बनकर रह जाना। इसका सरलीकरण किया जाएगा।