कोरबा (IP News).झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोल इंडिया लिमिटेड को डायन की सज्ञा दी और कहा कि उसके जबड़े से हमने अपने हिस्से का एक टुकड़ा (250 करोड़) निकाल लिया है। उन्होंने कहा कि हम छह माह से इसके लिए प्रयास कर रहे थे कि कोल मंत्रालय अधिग्रहित की गई सरकारी जमीन की कीमत अदा करे।
यहां बताना होगा कि मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने 1 अप्रेल, 2009 से 3 मार्च, 2019 तक कोयला खदानों के लिए अधिग्रहण की गई कुल 19,594 एकड़ सरकारी जमीन का 8,226 करोड़ रुपए का क्लेम किया है। रांची दौरे पर आए कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने राज्य को इस क्लेम के एवज में 250 करोड़ रुपए का चेक सौंपा। शेष रकम सत्यापन के बाद देने की बात कही गई। कोयला मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि साकारात्मक बातचीत हुई है।
कमर्शियल माइनिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर कोयला मंत्री द्वारा पुनर्विचार किए जाने के अनुरोध को लेकर मीडिया ने श्री सोरेन से सवाल किया था। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल आॅक्षन से पहले यह वार्ता हुई होती तो शायद हमारा अलग स्टैंड होता। श्री सोरेन कोल मंत्रालय और कोल इंडिया पर जमकर बरसे और कमर्शियल माइनिंग की याचिका पर पुनर्विचार करने कोयला मंत्री की अपील पर कहा कहा कि इस संदर्भ में पदाधिकारियों से चर्चा की जाएगी और विधि संगत कोई कदम उठाया जाएगा।
हेमंत सोरेन राज्य के हितों को लेकर आक्रामक जरूर दिखे, लेकिन कोयला मंत्री की वार्ता और जमीन की कीमत का भुगतान शुरू होने के बाद क्या कमर्शियल माइनिंग को लेकर दायर की गई याचिका वापस ले ली जाएगी या फिर इसे शिथिल किया जाएगा।